दोस्तों, एक नई वेबसाइट शुरू करने जा रहा हूं। जीवन को सुंदर बनाने की कोशिश का हिस्सा है यह वेबसाइट - अर्थकाम। यह अभी बनने की प्रक्रिया में है। मकसद है 42 करोड़ से ज्यादा हिंदीभाषी भारतीयों तक अर्थ व वित्त की दुनिया को पहुंचाना ताकि वे भी विकास की मुख्यधारा, इंडिया ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बन सकें, ताकि वे वित्तीय रूप से इतने साक्षर हो जाएं कि सीना ठोंककर बाजार के जोखिम को उसी तरह नाथ सकें जैसे नंदगोपाल ने उफनती यमुना में कालिया नाग को नाथा था। बस, थोड़ा इंतजार कीजिए। हिंदी में वित्तीय साक्षरता के नए अभियान की शुरुआत होने ही वाली है। आपका सहयोग अपेक्षित है।
आपसे गुजारिश है कि आप www.arthkaam.com पर जरूर एक बार जाएं। आज यूं ही मौद्रिक नीति पर कुछ लिखकर चिपका दिया है। अपनी राय से जरूर अवगत कराएं। लक्ष्य है कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2010 से इसे विधिवत लांच कर दिया जाए।
हरी-भरी छाया में साइकिल से सैर
3 days ago
13 comments:
बधाई! शुभकामनायें!
आभार। हिन्दी समृद्ध होगी।
वैसे दो पुरुषार्थ कवर कर लें - अर्थ+काम :)
मजाक कर रहा हूँ।
बधाई..
एक बार फिर मान गया क़ि चुप्पी का मतलब हमेशा रुक जाना नहीं होता . इसीलिए जब चुप्पी टूटती है तो कुछ ज्यादा सार्थक होता है . अर्थतंत्र में गोता लगाना बहुत जरूरी है वेर्ना तंत्र कहीं का नहीं छोड़ेगा . उम्मीद कर सकता हूँ क़ि जो होगा वह अर्थशास्र क़ि दुरूह पारम्परिक भाषा में नहीं बल्कि आम आदमी क़ि समझ में आने वाली भाषा में होगा . मुझे लगता है तभी उसकी जिआदा उपयोगिता होगी .
ye badhiya raha. dher saari badhai
ek acchi bat.
shubhkamnayein
बधाई हो, अर्थ की तलाश एक सार्थक काम है.
जल्दी इंटरनेटार्पण कीजिए। इंतज़ार शुरू हो चुका है.
बहुत अच्छी पहल। शुभकामनाएँ ! हिन्दी में इसी प्रकार अन्यान्य विधाओं में बड़ी वेबसाइटों की जरूरत है। उन पर स्तरीय सामग्री हो तो हिन्दी में ही लोग पढ़ेंगे।
बहुत बहुत बधाई, इस विषय पर शायद अर्थकाम के सहयोग से कुछ समझ बढ़ने मे मदद मिले..
वेब साईट सुन्दर दिख रही है .. शुभकामनाएं!
Ek sachhe insaan ka prayash hamesha rang lata hai.
बहुत सुन्दर! बधाई।
(मजाक) साइट के यूआरएल में काम/कॉम दो तिहाई और अर्थ एक तिहाई! :)
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