ये
डीह बाबा की असली फोटो हैं, जिसे मेरे सहयोगी
राजेश त्रिपाठी ने उपलब्ध कराया है। इलाहाबाद ज़िले में उनके गांव दरवेशपुर के सीवान पर एक डीह के ऊपर इन्हें स्थापित किया गया है। जो भी इनके पास से गुजरता है, इन्हें प्रणाम ज़रूर करता है। खास बात ये है कि राजेश ने यह फोटो अपने मोबाइल कैमरे से खींची है। वो इस तरह की जबरदस्त तस्वीरें अब अपने ब्लॉग पर भी डाल रहे हैं।
8 comments:
बहुत खुब. अब इस बारे में विस्तार से लिखें भी.
डीह बाबा के बारे में, उनकी मान्यता के बारे में विस्तार से परिचित कराईये।
NAAM HI PEHLI BAAR SUNAA MAGAR AAGEY JAANE NEY KI UTSUKTAA RAHEGII.....
दोस्तों, डीह बाबा जैसी कोई शख्सियत नहीं है। ये तो मैंने आज सुबह की पहली पोस्ट में ब्लॉगरों की जो तुलना डीह बाबा से की थी, उसी धारणा को स्पष्ट करने के लिए है। असल में उत्तर भारत के तमाम गांवों में इस तरह के असंख्य डीह बाबा हैं जिन्हें गंवई लोग मानते हैं। वैसे, आधुनिकता के साथ धीरे-धीरे इनकी संख्या अब कम होती जा रही है। फिर भी इनकी काफी मान्यता अभी तक बची हुई है।
डीह बाबा और ग्राम देवता कितने अलग हैं या एक ही है?
डीह बाबा के दर्शन से आत्म साक्षात्कार हो गया. :)
अब बाकी के दो किस्म के बाबाओं के भी दर्शन की उम्मीद बढ़ गई है... :)
डीह बाबा के बारे में विस्तार से बताएं ,जिज्ञासा बनी हुई है !
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