Wednesday 5 September, 2007

अंग्रेजी दर्शक कृष्ण-भक्त नहीं हैं क्या!!

जब विदेश में बसे भारतीय तक कृष्ण-जन्माष्टमी मनाते हों, तब देश के अंग्रेजी दर्शक कृष्ण-भक्त न हों, ऐसा कैसे हो सकता है? लेकिन हमारे अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनलों को ऐसा ही लगता है। तभी तो चाहे एनडीटीवी 24x7 हो, सीएनएन आईबीएन हो या टाइम्स नाऊ... किसी ने भी (हेडलाइंस टुडे को छोड़कर) रात के 12 बजे जब सारा देश कृष्ण जन्म के उत्साह में डूबा हुआ था, इस उत्साह को दिखाने की ज़रूरत नहीं समझी। शायद उन्हें यकीन है कि उनके लक्षित दर्शक सेक्यूलर हैं और धार्मिक विश्वासों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। सो, धंधे की मांग थी कि कृष्ण जन्माष्टमी का कवरेज न किया जाए।
हिंदी चैनलों ने झूम के कृष्ण जन्माष्टमी का कवरेज किया। मथुरा और द्वारका ही नहीं, दिल्ली के इस्कोन मंदिर तक से घंटों लाइव प्रसारण चलता रहा। सेक्यूलर एनडीटीवी इंडिया को भी इससे कोई परहेज नहीं रहा। आजतक और स्टार न्यूज़ का तो एजेंडा ही लोकप्रियता के पीछे चलता है। इंडिया टीवी भी इस दौड़ में शामिल रहा। लेकिन जैसे ही ज़रा-सा मौका मिला, इंडिया टीवी फौरन मध्य-रात्रि के अपने सेक्स टॉक-शो पर आ गया और शुरू हो गया पति, पत्नी और वो। ठीक कृष्ण भगवान के जन्म के बाद सेक्स समस्या। वाकई कितने पवित्र ख्याल हैं नरेंद्र मोदी के खास चेले रजत शर्मा के। इन्हीं की बात क्यों की जाए? आखिर धंधा है। धंधे की मांग थी तो कृष्ण जन्माष्टमी दिखाई और धंधे की मांग है तो सेक्स पर चर्चा भी कराई।
सचमुच धंधा है, पर गंदा है ये...

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