Tuesday 24 July, 2007

कल आज और कल

एपीजे अब्दुल कलाम का आज राष्ट्रपति भवन में आखिरी दिन है। कल से देश की नई राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल यहां स्थापित हो जाएंगी। कलाम अविवाहित हैं और पूरा देश ही उनका कुनबा था, जबकि प्रतिभा पाटिल का भरा-पूरा परिवार है। वह राष्ट्राध्यक्ष हैं, लेकिन किस परिवार को अहमियत देती हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि जब उनका गृह राज्य महाराष्ट्र उनके पधारने का इंतज़ार कर रहा था, तब वो आधिकारिक रूप से यहां नहीं आईं। लेकिन गुपचुप जलगांव पहुंच कर लौट भी गई क्योंकि जलगांव में उनके नाती का अस्पताल में इलाज चल रहा था। कलाम और प्रतिभा की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं।
राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों को कलाम का संदेश

3 comments:

नाम में क्या रखा है? said...

कलाम के राष्ट्रपति पद पर आने से राष्ट्रपति पद का गौरव बढ़ा था पर प्रतिभा पाटिल उर्फ प्रतिभा शेखावत के आने से ......

बोधिसत्व said...

अनिल भाई
आप कलाम साहब से यह किसका मुकाबला करवा रहे हैं। यह तो कलाम साहब की तौहीन है।

परमजीत सिहँ बाली said...

कलाम साहब जैसे इंसान बिरले ही होते हैं।