Friday 8 June, 2007

एक अल्हड़-अक्खड़ गुजराती गीत

एक गुजराती गीत, जिसके रचयिता है उमा शंकर जोशी। गीत का अंग्रेजी अनुवाद यहां देख सकते हैं। भोमियो एक गुजराती शब्द है, जिसका मतलब होता है गाइड। कल ब्लॉग पर भोमियो का लिंक लगाने के बाद मुझे इस गीत का पता चला।

भोमिया विना मारे भमवा'ता डुंगरा,
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी हती;
जोवी'ती कोतरो ने जोवी'ती कंदरा,
रोता झरणा नी आँख ल्होवी हती.

सूना सरवरियानी सोनेरी पाळे,
हंसोनी हार मारे गणवी हती;
डाळे झुलंत कोक कोकिला ने माळे,
अंतर नी वेदना वणवी हती.

एकला आकाश तळे उभीने एकलो,
पड़घा उरबोलना झीलवा गयो;
वेराया बोल मारा, फेलाया आभमां,
एकलो अटूलो झांखो पड्यो.

आखो अवतार मारे भमवा डुंगरिया,
जंगल नी कुंज-कुंज जोवी फरी;
भोमिया भूले एवी भमवा रे कंदरा,
अंतर नी आँखड़ी ल्होवी जरी.

No comments: